मेरी व्यक्तिगत छवि हमेशा से बच्चों और वृद्धों की संगत की रही है! मेरी व्यक्तिगत छवि हमेशा से बच्चों और वृद्धों की संगत की रही है!
आज जैसे ही घर से ऑफिस के लिए निकली और बस स्टाप पर पहुँची ही थी कि बस स्टॉप पर शशांक को देखकर मैं अचं... आज जैसे ही घर से ऑफिस के लिए निकली और बस स्टाप पर पहुँची ही थी कि बस स्टॉप पर शश...
विक्रम बोला और बेताल फ़ुर्र से पेड़ पर जा बैठा...! विक्रम बोला और बेताल फ़ुर्र से पेड़ पर जा बैठा...!
। जान बची तो लाखों पाए लौट के बुद्धू घरवाली के डंडे खाए। । जान बची तो लाखों पाए लौट के बुद्धू घरवाली के डंडे खाए।
जी हां मेरा छःह वर्ष का बच्चा जो मेरा नाम भी नहीं बता पाता ठीक से, उसने आपकी कवितायें जी हां मेरा छःह वर्ष का बच्चा जो मेरा नाम भी नहीं बता पाता ठीक से, उसने आपकी कवि...
अगर एक बार अकाल पड़ जाए तो किसान खेती करना नहीं छोड़ता , समझ लो तुम्हारे जीवन में भी इ अगर एक बार अकाल पड़ जाए तो किसान खेती करना नहीं छोड़ता , समझ लो तुम्हारे जीवन मे...